अलवर में सामान्य चिकित्सालय, जनाना अस्पताल और शिशु चिकित्सालय में चिकित्सक हड़ताल पर रहे और अस्पताल में भी नहीं दिखे। रेसमा लगने के बाद चिकित्सक अंडरग्राउंड हो गए हैं और अस्पातल में पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है।
नहीं हुआ पोस्टमार्टम और नहीं हुए प्रसव
चिकित्सकों के अभाव में न तो पोस्टमार्टम हो पाए और न ही प्रसूताओं को भर्ती किया गया। जो लोग भर्ती थे उनके उपचार में भी बाधाएं आई। नए मरीजों को भर्ती नहीं किया गया।वैकल्पिक व्यवस्था रही अपर्याप्त
इस बारे में पीएमओ भगवान सहाय का कहना है कि चिकित्सकों की हड़ताल के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहे हैं और प्रसूताओं को भर्ती नहीं किया जा रहा। वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि मरीजों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के तौर पर वे आंदोलन में शामिल हैं लेकिन प्रशासनिक व्यवस्थाओं के कारण उन्हें अस्पताल आना पड़ा।
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