कांग्रेस की फिर अग्नि परीक्षा की घड़ी, सोशल प्लेटफार्म से उतरी मोदी की ट्रेन
अलवर। मोदी लहर के बाद राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस के लिए अग्नि परीक्षा की घड़ी आ गई है। इसे अग्नि परीक्षा इसलिए कहा जाएगा क्योंकि अलवर सांसद महंत चांदनाथ और अजमेर सांसद सांवरलाल जाट के निधन के बाद जो उपचुनाव के हालात बने हैं वहां दोनों ही जगह कांग्रेस के दिग्गजों की प्रतिष्ठा फिर दाव पर लगने वाली है।
क्या होगा गणित
सांसद के उपचुनाव की स्थिति में अलवर से भंवर जितेन्द्र सिंह और अजमेर से सचिन पायलट कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं। दोनों ही राहुल गांधी के करीबी माने जाते रहे हैं और इनमें से सचिन तो फिलहाल राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इसलिए यदि यह चुनाव कांग्रेस जीतती है तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए लाभ मिल सकता है और यदि ये दोनों हार जाते हैं तो कांग्रेस को प्रदेश में उठ खड़े होने में मुश्किल पेश आ सकती है।इसके अलावा एक और जगह है जहां कांग्रेस को दाव खेलना जरूरी होगा। भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में भी कुछ दिन पूर्व विधायक कीर्ति कुमारी का निधन हो गया था। ऐसे में वह स्थान भी रिक्त हो गया है और वहां भी उपचुनाव होना है। यहां भी कांग्रेस की हार या जीत का गणित आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को तय करने में कारगर साबित हो सकता है।
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