हाईकोर्ट ने दिलवाई गर्भवती महिला को नौकरी
अलवर। सरकार का बस चले तो मनमर्जी से लोगों का हक छीन ले। लेकिन कोर्ट में न्याय की उम्मीद अभी भी है। इसी उम्मीद को कायम रखते हुए हाईकार्ट ने एक ऐसी महिला को नौकरी देने के आदेश दिए हैं जो काउंसलिंग और डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के समय गर्भवती थी।मामले के तथ्यो के अनुसार यह सीकर निवासी मधु जैफ का वर्ष 2013 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयन हो गया। वह उस समय क्रिटीकल प्रिग्नेंसी में थी और उसे परिणाम का पता नहीं चल पाया। इस कारण वह न तो डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन प्रक्रिया में शामिल हो पाई और न ही काउंसलिंग में। जब उसकी प्रिग्नेंसी क्लीयर हुई तो वह अधिकारियों के पास पहुंची और पोस्टिंग की बात कही। लेकिन अधिकारियों ने उसकी नहीं सुनी। अब मधु अपने वकील एडवोकेट अनूप ढंढ के जरिये हाईकोर्ट की शरण में पहुंची। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में निर्णय देते हुए सरकार को आदेश दिए हैं कि महिला के डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन कर उसे काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए और उसे नियुक्ति दी जाए।
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