मीडिय़ा का नंगापन उजागर करती है यह फिल्म आप जरूर देखें
शैलेन्द्र पांडे ने अपनी पहली ही फिल्म जेडी में कमाल कर दिखाया है। हालांकि इस फिल्म की पब्लिसिटी कम होने के कारण दर्शक इसे कम ही मिले हैं लेकिन जिसने भी यह फिल्म देखी है मीडिया का नंगापन उसके सामने उजागर हो गया। इस फिल्म को देखकर समझदार लोग यह तय कर सकेंगे कि मीडिय़ा से कितना संबंध रखना है।
फिल्म का डिजिटल पार्टनर भड़ास 4 मीडिय़ा है। इस फिल्म ने मीडिया मालिकों की पोल खोलकर रख दी है कि वे किस प्रकार कर्मचारियों का शोषण करते हैं।
एनसीआर समेत कई शहरों में फिल्म को थियेटर में रिलीज करा ले जाना एक नए और कम बजट वाले फिल्मकार शैलेन्द्र के लिए उपलब्धि ही मानी जाएगी। फिल्म में मजीठिया वेज बोर्ड का भी जिक्रहै, जो एक साहस भरा काम है।
हो सकता है कि यह फिल्म कमाई भले ठीक ठाक नहीं कर पाए लेकिन पत्रकारिता के काले चेहरे को उजागर करने वाली सबसे जोरदार फिल्म साबित होगी। फिल्म में लखनऊ प्रेस क्लब से लेकर दिल्ली, कानपुर, मुंबई के चिर परिचित लोकेशन्स शोषित पत्रकारों को बरबस सारी पुरानी यादें ताजा कराते हैं। अगर कोई मीडिया माफिया की काली दुनिया को समझना चाहता है तो ये फिल्म मस्ट वॉच की कैटगरी में आती है। गाने शानदार हैं। फिल्म को तहलका मैग्जीन और तरुण तेजपाल कांड को ध्यान में रखकर देखेंगे तो बहुत कुछ समझ में आ जाएगा।
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