ये पूरी कहानी पढ़कर आप लालच से तौबा कर लें तो ही अच्छा है
दोस्तों पुरानी कहावत तो आपने सुनी होगी। लालच बुरी बला। यह कहावत आज भी सही साबित होती है। क्योंकि आज इंसान पहले से अधिक लालची हो गया है। लोगों के इसी लालच का फायदा बदमाश उठा रहे हैं। ऐसा ही कर्नाटक के इस शख्स के साथ हुआ। यह इंसान लालच के फेर में पड़कर अपने घर से १७०० किलोमीटर दूर पहुंच गया और यहां पहुंचकर इसकी जान के लाले पड़ गए सो अलग। आइये जानते हैं कि यह शख्स कौन है और क्या हुआ इसके साथ।
कौन है यह शख्स
यह शख्स है कर्नाटक का एक ठेकेदार। जो कि कर्नाटक के हासन जिले के अर्कलागुड का रहने वाला है। इसका नाम सोमशेखर है। यही वह शख्स है जो लालच में आ गया और कर्नाटक से राजस्थान के अलवर जिले में पहुंच गया। जहां इसे कुछ लोगों ने बंधक बना लिया और जान से मारने की धमकी दे डाली।क्या है मामला
सोमशेखर को कुछ लोगों ने फोन किया कि उनके पास कुछ सोना रखा है। यह सोना मकान की नींव खुदाई में निकला था। वे इसे चुपचाप बेचना चाहते हैं और इस कारण सस्ते भाव में बेच देंगे। सोमशेखर इन लोगों की बातों में आ गया और उनसे पता पूछकर हवाईजहाज से दिल्ली आ गया और वहां से बस द्वारा भिवाड़ी पहुंच गया।भिवाड़ी में क्या हुआ
जब सोमशेखर भिवाड़ी पहुंचा तो बदमाश उसे वहीं मिल गए। उनके पास गाड़ी थी। बदमाशों ने उसे भिवाड़ी में ही अपनी गाड़ी में बिठा लिया और तिजारा थाना अंतर्गत थोस गांव में ले आए। यहां बदमाशों ने उसकी जबरन तलाशी ली तो उसके पास केवल छह हजार रुपए निकले। बाकी पैसे के बारे में पूछने पर उसने कहा कि वे उसे सोना दे दें तो बाकी पैसे का भुगतान वह कर देगा।आगे क्या हुआ सोमशेखर के साथ
सोमशेखर के पास पैसे नहीं देख बदमाशों ने उसकी जोरदार पिटाई बनाई और उसके हाथ पैर बांधकर बंधक बना लिया। फिर उससे फोन नंबर लेकर उसके पुत्र को फोन किया कि यदि वह अपने पिता को जिंदा देखना चाहता है तो दस लाख रुपए लेकर आ जाए। फोन सुनकर सोमशेखर का पुत्र और परिजन घबरा गए। उन्होंने तुरंत ही अर्कलागुड पुलिस थाने में सूचित किया। इसके बाद हासन एसपी ने अलवर एसपी राहुल प्रकाश को पूरे मामले की जानकारी दी।कैसे पता लगाया पुलिस ने
अलवर एसपी के पास जानकारी आते ही उन्होंने तिजारा थानाधिकारी को पूरा मामला बताया और हासन पुलिस से मिली जानकारी और तथ्यों के आधार पर बदमाशों के फोन नंबर और सोमशेखर के फोन नंबर टे्रेस किए तो वे तिजारा थाना इलाके के गांव थोस में ट्रेस हुए। पुलिस ने उस मकान पर घेरा डाल दिया जहां सोमशेखर को बंदी बनाया हुआ था। पुलिस को वहां देख बदमाश फरार हो गए।कैसे मिला सोमशेखर
जब तिजारा थाना प्रभारी अजय यादव ने दरवाजा तोड़ा तो सोमशेखर के हाथ पांव बंधे थे और वह भूखा प्यास पड़ा था। पुलिस को देख सोमशेखर की जान में जान आई और वह पुलिस के पैरों में गिर अपने लालच के लिए माफी मांगने लगा। थाना प्रभारी ने उसे बदमाशों की कैद से छुड़ाया और बाहर हाइवे पर चाय व ठंडा पानी पिलाया।किसने लालच दिया सोमशेखर को जानिये पूरी कहानी
बदमाशों की कैद से छूटने के बाद सोमशेखर ने पुलिस को बताया उसे फोन करने वाले का नाम सब्बीर है और उसने सस्ता सोना बेचने का लालच देकर उसे यहां बुलाया। वह 26 अगस्त को हवाईजहाज से दिल्ली पहुंचा। जहां से बस पकड़ कर भिवाड़ी आ गया था। सब्बीर और उसके 3 अन्य साथी उसे भिवाड़ी में ही मिले और वहां से गाड़ी में बिठाकर यहां ले आए। यहां सब्बीर वगैरह ने उसके साथ मारपीट कर बंधक बना लिया और उसके बेटे को फोन करके 10 लाख रुपए फिरौती के रूप में मांगे। सोमशेखर के बेटे अभिषेक ने 28 अगस्त को अर्कलागुड थाने में एफआईकार दर्ज करवा दी। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सोमशेखर तो आजाद हो चुका है लेकिन जब तक लोग लालच से आजाद नहीं होंगे तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे।दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में लिखें। अच्छी लगी तो लाइक और शेयर करें। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी पढऩे के लिए और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें फॉलो करना नहीं भूलें। धन्यवाद।
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